जनलोकपाल बिल पर अरविन्द ने उप-राज्यपाल को लिखा पत्र
नई दिल्ली: जनलोकपाल विधेयक को सीधे विधानसभा में पेश करने वाले मुद्दे पर मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने उप-राज्यपाल नजीब जंग को पत्र लिखा है। इस पत्र के माध्यम से अरविन्द ने उप-राज्यपाल से पूछा है कि, विधानसभा में जनलोकपाल विधेयक पारित करना संविधान के विरुद्ध कैसे है? इसके अलावा अरविन्द ने उप-राज्यपाल को नसीहत देते हुए लिखा है कि, देश के संविधान के प्रति निष्ठावान बनें, गृह मंत्रालय या किसी पार्टी के प्रति नहीं।
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने उप-राज्यपाल को करीब तीन पन्नो में पत्र लिखा है। पत्र में अरविन्द ने राज्यपाल के कार्यालय द्वारा इस मुद्दे पर सॉलिसिटर जनरल की राय क्यों ली गई? अरविन्द ने राय लेने के फैसले पर हैरानी जताते हुए पूछा है कि जब हमनें आपको बिल (जनलोकपाल) की कॉपी कल (गुरुवार) शाम को ही दे दी थी तो आपने किस बिल के बारे में सॉलिसिटर जनरल की राय मांगी। इसके अलावा अरविन्द ने यह भी लिखा है कि, यदि विधेयक को पास करवाने के लिए केंद्र की मंजूरी लेनी पड़ेगी तो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चुनाव कराने का क्या फायदा है?
इसके अलावा अरविन्द केजरीवाल ने उप-राज्यपाल को लिखे पत्र में यह भी लिखा है कि, ‘मुझे यह बात मालूम है कि, आप पर कांग्रेस और गृह मंत्रालय का दवाब है। लेकिन, अब इसका निर्णय आपको ही करना है। अरविन्द ने राज्यपाल से अपील की है कि आप देश के संविधान के प्रति निष्ठवान बनिए न कि गृह मंत्रालय या किसी राजनीतिक पार्टी के प्रति।
अरविन्द ने पत्र में लिखा है कि, केंद्र सरकार यह नहीं चाहती कि, जनलोकपाल बिधेयक पार्टी हो। क्योंकि, उन्हें पता है कि, यदि यह बिधेयक पारित हो जायेगा तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा। इसके अलावा अरविन्द ने पत्र के माध्यम से विधेयक के प्रमुख बातों को लीक होने पर भी नाराजगी जताई है।