एक साल में 20% तक रोज़गार खत्म हुए, प्रॉपर्टी बाज़ार में मंदी
रियल्टी सेक्टर में मंदी अब खतरनाक रूप ले चुकी है| कन्फेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डिवेलपर्स ऑफ इंडिया यानि क्रेडाई के मुताबिक पिछले एक साल में मंदी के कारण सेक्टर की बीस फीसदी नौकरियां खत्म हो चुकी हैं| जॉब खत्म होने के पीछे कंपनियों के पास कैश की कमी और बिक्री घटने को मुख्य कारण बताया जा रहा है| साथ ही हर साल मिलने वाले करीब 10 फीसदी नए रोज़गार भी इस साल बाज़ार में नहीं आ सके हैं|
क्रेडाई के मुताबिक जॉब घटने का सबसे ज्यादा असर ऑफिस जॉब्स यानि सेल्स, एडमिनिस्ट्रेशन और मैनेजमेंट सेग्मेंट पर पड़ा है| फिलहाल कंस्ट्रक्शन से सीधे तौर पर जुड़े जॉब सुरक्षित हैं, हालांकि संगठन ने आशंका जताई है कि हालात नहीं सुधरे तो कंस्ट्रक्शन सेक्टर के जॉब्स पर भी असर दिख सकता है| संगठन ने हालात सुधारने के लिए सिंगल क्लियरिंग विंडो बनाने का सुझाव दिया है| उनके मुताबिक प्रॉपर्टी कंपनियों को एक प्रोजेक्ट को पास कराने के लिए 48 तरह के नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट देने पड़ते हैं| जिसकी वजह से लगने वाला समय प्रोजेक्ट की लागत बढ़ा देता है..और कंपनियों को घाटा होता है|