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मप्र, राज, छत्तीसगढ़ में खिला कमल, दिल्ली में उलझी गुत्थी!

 

नई दिल्ली: चारो राज्यों यानि दिल्ली, छतीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भाजपा को जीत मिली है। लेकिन सिर्फ दिल्ली में ही अभी तक गुत्थी उलझी है। दिल्ली के अलावा तीन अन्य राज्यों में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला है लेकिन दिल्ली में न तो भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला है और न ही ‘आप’ यानि आम आदमी पार्टी को। यह दोनों ही विपक्ष में बैठने का एलान कर चुके हैं। यानि दिल्ली की गुत्थी अभी तक उलझी हुई है। आइए एक नजर डालते हैं चारो राज्यों के मौजूदा दलीय स्थिति पर।

 

बात यदि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की करें तो यहां पर 70 सीटों पर चुनाव लड़ें गए थे। चुनावी परिणाम के अनुसार पर भाजपा और आम आदमी पार्टी दोनों को भारी बढ़त मिली है वहीँ कांग्रेस को भारी क्षति का सामना करना पड़ा है। दिल्ली में भाजपा को 32 सीटें, कांग्रेस को 8 सीटें, ‘आप’ को 28 सीटें और अन्य के खाते में 2 सीटें गई हैं। इस बार भाजपा को 9 सीटों का फायदा हुआ है जबकि कांग्रेस को 35 सीटों की क्षति और नवीनतम पार्टी को फायदा ही फायदा हुआ है जबकि अन्य यथावत है यानि वह अपनी दो सीटों पार काबिज है।

 

अब बात छत्तीसगढ़ की करते हैं तो यहां पर तो यहां पर 90 सीटों पर चुनाव लड़ें गए थे। चुनावी परिणाम के अनुसार भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला है। यहां भाजपा को 49 सीटें, कांग्रेस को 39 सीटें, और अन्य के खाते में 2 सीटें गई हैं। इस बार भाजपा को 1 सीट की क्षति हुई है जबकि जबकि कांग्रेस को 1 सीट का फायदा हुआ है वहीँ अन्य यथावत है।

 

राजस्थान की बात करें तो यहाँ भी भाजपा को बहुमत मिला है। यहां 199 सीटों पर चुनाव हुए थे। चुनावी परिणाम के अनुसार यहां भाजपा को 162 सीटें, कांग्रेस को 21 सीटें, बसपा को 3 सीटें जबकि अन्य के खाते में 13 सीटें गई है। इस बार भाजपा को 84 सीटों का फायदा हुआ है जबकि कांग्रेस को 75 सीटों की भारी क्षति हुई है वहीँ बसपा को भी 3 सीटों की क्षति हुई है। इसके अलावा अन्य के खाते में भी 13 सीटें ही आई हैं। पिछली बार अन्य के खाते में 20 और बसपा के खाते में 6 सीटें थी।

अब शेष बचे मध्य प्रदेश की बात करते हैं तो भाजपा को यहां भारी बहुमत मिला है। यहां पर 230 सीटों पर चुनाव हुए थे। यहां भाजपा को 165 सीटें, कांग्रेस को 58 सीटें, बसपा को 4 सीटें और अन्य के खाते में 3 सीटें गई है। बात यदि बढ़ोत्तरी अथवा क्षति की करते हैं तो यहां पर भाजपा को 22 सीटों का फायदा, कांग्रेस को 20 सीटों का क्षति, बसपा को 4 सीटों की क्षति, और अन्य को भी 6 सीटों की क्षति हुई है। पहले अन्य के खाते में 9 और बसपा के खाते में 7 सीटें थी।

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