सेना को नसीहत, 'अनुशासन का करें कड़ाई से पालन': जिनपिंग
23 Sep 2014

 

नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गतिरोध के बीच भारत दौरे से चीन लौटे राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी फौज को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति पूर्ण निष्ठा रखने और सभी आदेशों के पालन की नसीहत दी है। भारतीय सीमा में घुसपैठ का उल्लेख किए बगैर राष्ट्रपति ने सेना को राजनीतिक नेतृत्व के फैसलों का सही तरीके से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैन्य कमांडरों की बैठक में चिनफिंग ने सेना से अनुशासन का कड़ाई से पालन करने और अंतरराष्ट्रीय व घरेलू सुरक्षा परिस्थितियों के प्रति बेहतर समझ विकसित करने को कहा। उन्होंने अपनी चेन ऑफ कमांड को दुरुस्त रखने की भी सलाह दी। शी चिनफिंग राष्ट्रपति के साथ ही सेना को नियंत्रित करने वाले केंद्रीय सैन्य आयोग के प्रमुख व सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव भी हैं। इससे पहले पीएलए के प्रमुख फांग फेंगहुई ने भी एक बयान जारी कर सभी सैनिकों को चिनफिंग का आदेश मानने का निर्देश दिया। महत्वपूर्ण है कि चीन के राष्ट्रपति का ताजा बयान ऐसे वक्त आया, जब 17-19 सितंबर को उनकी भारत यात्रा के दौरान ही वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ की शिकायत उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सुननी पड़ी। इस दौरान चीन की ओर से भारतीय पक्ष को स्थिति को नियंत्रित करने का भरोसा भी दिया गया था, लेकिन जमीन पर स्थिति जस-की-तस बनी रही। हालांकि चीनी सरकारी माध्यमों में चिनफिंग की ओर से निष्ठा की अपेक्षा व निर्णयों के क्रियान्वयन पर जोर संबंधी बयान का परिप्रेक्ष्य स्पष्ट नहीं किया गया। इस बीच, चीनी विदेश मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रपति चिनफिंग के दौरे ने दोनों देशों के बीच आपसी संदेह के बिंदुओं को दूर करने में मदद की है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि स्थापित व्यवस्था और तंत्र के तहत दोनों देश शांतिपूर्ण तरीके से अपने सभी मुद्दों का समाधान कर सकते हैं। इसको लेकर दोनों पक्ष प्रतिबद्ध हैं। चीनी सेना की ओर से बीते कुछ समय से सीमा पर भारतीय हद लांघने की घटनाओं में इजाफा हुआ है। बीते साल मार्च में राष्ट्रपति शी चिनफिंग के सत्ता संभालने के एक महीने के भीतर ही लद्दाख के देपसांग इलाके में चीनी सैनिक करीब 19 किमी भीतर भारतीय हद में घुस आए थे। इस मामले ने भी भारत-चीन रिश्तों में खटास बढ़ाई थी। चीनी राष्ट्रपति के भारत यात्रा के दौरान भी लद्दाख के देमचक और चुमार इलाकों में चीनी सैनिकों की घुसपैठ की छाया बनी रही।

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