कबूलपुर हत्याकांड: प्रेमी जोड़े को फांसी, 1 को उम्रकैद की सजा
06 Mar 2014
रोहतक: आज एक प्रेमी जोड़े के हाथ न तो समाज लगा, न शिक्षा लगी, न परिजन लगे और न ही उन्हें उनका प्यार मिल सका। कम से कम इस जन्म में तो वह एक-दूसरे के स्वतंत्र रूप से हो ही नहीं पाएंगे। अक्सर ऐसा सुना जाता है कि, प्रेमी युगल ने अपने परिजनों के खिलाफ शादी कर ली है और वह अपने परिजनों से अलग रह रहे हैं। लेकिन, एक ऐसा मामला भी सामने आया है जिसमे प्रेमी ने अपनी प्रेमिका के सहयोग से उसके सात परिवार के सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया। लेकिन, कानून ने आज उन्हें मौत की सजा सुनाई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, हरियाणा के रोहतक जिले के कबूलपुर में बीते करीब पांच वर्षों पहले एक युवती ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही परिवार के साथ सदस्यों की हत्या कर दी थी। जिसके लिए आज जिला अदालत ने प्रेमी और उसकी प्रमिका को फांसी की सजा सुनाई है। दोनों के अतिरिक्त मामले में एक अन्य व्यक्तो भी दोषी पाया गया उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जबकि, एक आरोपी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। अदालत ने तीनों को मंगलवार को दोषी करार दे दिया था। एक आरोपी को तथ्यों के अभाव में बरी कर दिया था।
कबूलपुर गांव निवासी सोनम ने प्रेमी नवीन के साथ मिलकर 14 सितंबर 2009 को अपने परिवार के सात लोगों की निर्मम हत्या कर दी थी। मरने वा वालों में दादी भूरी देवी (60), ताई प्रोमिला (35), ताऊ सुरेंद्र (40), बहन सोनिका (12), भाई अरविंद (16), बहन मोनिका (10) और भाई विशाल (08) शामिल थे। इस हत्याकांड में सदर थाना पुलिस ने सोनम व नवीन के अलावा झज्जर के छारा गांव निवासी जयवीर और ओमबीर के खिलाफ सम्बंधित मामलों में विभिन्न भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील कुमार गुप्ता की अदालत ने सबूत व तथ्यों के आधार पर सोनम, उसके प्रेमी नवीन तथा छारा निवासी जयबीर को दोषी करार दिया। चौथे आरोपी छारा निवासी ओमबीर को सबूत व तथ्यों के अभाव में बरी कर दिया।
ऐसी हुआ था मौत का तांडव:
कोर्ट के समक्ष किये गए चालान के अनुसार, 14 सितंबर 2009 की रात को सोनम ने अपने प्रेमी नवीन के साथ साजिश रचते हुए परिवार के सदस्यों को खाने में नींद की दवाई मिलकर खिला दी थी। जब परिजन गहरी नींद में सो गए तो दोनों ने बारी-बारी से सभी की रस्सी से गला घोटकर हत्या कर दी। सोनम ने खुद का व्रत बताकर खाना नहीं खाया।
सोनम का ड्रामा:
वारदात को अंजाम देने के बाद सोनम ने ड्रामा रचते हुए खुद को बाथरूम में बंद कर लिया। जब सुबह ग्रामीणों को घर में सुगबुगाहट नहीं दिखी तो वह घर में दाखिल हुए। उसके बाद ग्रामीणों ने सोनम को बाथरूम में बंद पाया। ग्रामीणों ने मामले की प्राथमिकी सम्बंधित थाने में लिखवा दी। पुलिस को पहले तो जांच में बहुत सारी परेशानियाँ झेलनी पडी। पुलिस ने ग्रामीणों के दवाब में आकर अज्ञात अपराधियों के खिलाफ सम्बंधित मामले की विभिन्न भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच गहनता से शुरू की। शक के आधार पर पुलिस ने सोनम से भी पूछताछ की।
सोनम से जब पूछताछ की जा रही थी तो उस दौरान पुलिस को कुछ ऐसी बातें भी पता चली जो सोनम का इस मामले में शामिल होने की तरफ इशारा कर रही थी। फिर क्या था पुलिस ने सोनम से कड़ाई से पूछताछ की तब मामले की सच्चाई सामने आई। उसके बाद सोनम के प्रेमी को उसके दो अन्य सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया। जिसमे कोर्ट ने सोनम और उसके प्रेमी को फांसी की सजा सुनाई। शेष बचे दो आरोपियों में से एक को सबूतों के आधार में बरी कर दिया गया। जबकि, एक अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
फर्जी पते पर ली गई सिम बनी मुसीबत:
मामले में दोषी करार दिए गए प्रेमी जोड़े (सोनम व नवीन) के लिए फोरेंसिक टीम की रपट व नवीन की ओर से सोनम को दिया गया फर्जी पते का सिम ही गले की फांस बन गया। बचाव पक्ष के पास इन सबूतों की काट नहीं मिली। इतना ही नहीं सोनम के वारदात के समय नाबालिग होने का भी कोई सबूत बचाव पक्ष के द्वारा नहीं पेश किया गया। फोरेंसिक टीम ने जांच की तो घर के अंदर खड़ी बाइक के शीशे पर फिंगर प्रिंट मिले। उक्त फिंगर प्रिंट को जब नवीन के फिंगर प्रिंट से मेल कराया गया तो वह मैच हो गए।
शादी के लिए परिवार बना था रोड़ा:
बताया जा रहा है कि, सोनम और उसका प्रेमी नवीन शादी करना चाहते थे। लेकिन, सोनम का परिवार यह नहीं चाहता था। सोनम के इस फैसले का विरोध सबसे ज्यादा उसके माता-पिता और दादी कर रही थी। जब सोनम अपने परिजनों को शादी के लिए राजी करने में नाकाम रही तो उसने सबकी हत्या करना ही बहता समझा। सोनम और नवीन की शादी से परिवार को इसलिए आपत्ति थी क्योकि दोनों एक ही गोत्र के हैं। गोत्र के मुताबिक उन दोनों का भाई-बहन का रिश्ता था और समाज उनके नए रिश्ते को इजाजत नहीं दे सकता था।
एक घंटे में कर दी थी सात हत्याएं:
नवीन और सोनम की प्रेम-कहानी कबूलपुर हत्याकांड से करीब डेढ़ साल पहले से ही चल रही थी। परिवार वाले इस बात को बढ़ाना नहीं चाहते थे। जिसके लिए परिवार वालों ने सोनम को हस्तल में रखने का निर्णय लिया था। लेकिन, इसके बाद भी दोनों का मिलना-जुलना बंद नहीं हुआ। जिसके बाद सोनम के परिजनों ने उसकी पढाई भी छुडवा दी। इस घटना को अंजाम देने के बाद नवीन अपने मामा के घर झज्जर चला गया था। नवीन इससे पहले कम्प्यूटर डिप्लोमा कर चुका है। नवीन और सोनम को ये हत्याकांड अंजाम देने में एक घंटे का वक्त लगा था।
एक कॉल ने बदल कर रख दी इनकी दुनिया:
कोर्ट के समक्ष दायर की गई चार्जशीट में पुलिस ने बताया, कि सोनम के पास से एक सिम बरामद हुआ। आईडी की जांच की तो वह एक बाहरी व्यक्ति की मिली। जब कंपनी से आवेदन फ़ार्म निकलवाया गया तो उस पर फोटों नवीन का निकला लेकिन, पता किसी और का था। नवीन ने उक्त सिम नंबर को सोनम को दे दिया था। जिस दिन यह घटना घटी उस रात सिम को सोनम ने घर पर रखे मोबाइल फोन में डाला और नवीन को कॉल करके बताया कि योजना के तहत उसने खाने में नशीला पदार्थ मिला दिया है। जल्द आ जाए, परिवार के सभी सदस्य बेहोश हो गए हैं। जिसके बाद नवीन सोनम के घर पहुंचा और यह मौत का तांडव खेल खेला।
06 Mar 2014