..तो क्या फर्जी दस्तावेजों के जरिए मिली कांडा को जमानत?
05 Mar 2014
नई दिल्ली: क्या गोपाल कांडा ने फ़र्ज़ी दस्तावेज दिखाकर जमानत मिली है? क्या गोपाल कांडा का रुसूख अब भी काम कर रहा है? गीतिका आत्महत्या मामले में 18 महीने से बंद गोपाल कांडा की जमानत पर यह सवाल गीतिका के भाई अंकित शर्मा ने उठाए हैं। गीतिका के परिजनों का कहना है कि, अदालत ने उनकी दलीलें तक नहीं सुनी साथ ही परिजनों का यह भी कहना है कि, कांडा ने फ़र्ज़ी दस्तावेजो के आधार पर जमानत पाई है।
गीतिका के परिजनों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, उन्होंने अदालत से अपील की थी कि, कांडा की पत्नी के बीमार होने सम्बन्धी दस्तावेज की जांच के बाद ही उसकी जमानत याचिका पर कोई निर्णय लिए जाये। लेकिन, अदालत ने उनकी बात नहीं सुनी। गीतिका के भाई अंकित शर्मा का आरोप है कि, गोपाल कांडा ने अपने पत्नी के बीमार होने सम्बन्धी दस्तावेज जो प्रस्तुत किये वह पहली नजर में ही फर्जी लगते हैं। जिसके बाद हमने कोर्ट से दस्तावेजों की जांच करवाने का आग्रह किया और उसके बाद ही जमानत याचिका पर कोई निर्णय लेने की विनती की। लेकिन अदालत ने हमारी दलीलें तक नहीं सूनी। अंकित शर्मा का कहना है कि, गोपाल कांडा अब भी इतना पावरफुल है कि वह जेल में रहकर फ़र्ज़ी कागजात बनवा कर जमानत लेने में कामयाब हो गया है। अब बहार आने के बाद वह पवार का पूरा इस्तेमाल कर सकता है।
अंकित ने सवाल उठाये है कि, गोपाल कांडा की पत्नी का इलाज दिल्ली की जिस सरकारी अस्पताल में हुआ है उसकी ओपीडी के पेपर की तारीख और वार्ड का समय संशय पैदा करता है। अंकित की मुताबिक, जो दवा गोपाल कांडा की पत्नी को दी जा रही है उसके अनुसार कांडा की पत्नी को अस्पताल में होना चाहिए। लेकिन, उनका ईलाज उनके घर पर क्यों हो रहा है? इसके अलावा अंकित ने कई और सवाल खड़े किये हैं।
गौरतलब है कि, 5 अगस्त 2012 एयरहास्टेज गीतिका शर्मा की लाश अपने ही अशोक विहार ईलाके में स्थित अपने ही घर में पंखे से लटकी हुई मिली थी। गीतिका ने एक सुसाइड नोट्स भी लिखा था। नोट्स में उन्होंने अपनी मौत के लिए गोपाल कांडा और अरुणा चड्डा को जिम्मेदार ठहराया था। जिसके बाद गोपाल कांडा को गिरफ्तार कर लिया गया था। अब 18 महीनो बाद जमानत मिली है तो गीतिका के परिजन इसे गोपाल कांडा का प्रभाव मान रहे है। और आशंका जता रहे है कि अब इसका प्रभाव गवाहो पर भी पड़ सकता है।
05 Mar 2014