अमेरिका ने NSA से करवाई BJP की जासूसी: वाशिंगटन पोस्‍ट
01 Jul 2014

 

वॉशिंगटन: अमेरिका ने अपनी खुफिया एजेंसी को नई दिल्‍ली में बहुमत के साथ सत्‍ता में आई बीजेपी की जासूसी करने का अधिकार दिया है। अमेरिका की नेशनल सिक्‍युरिटी एजेंसी (एनएसए) को यह अधिकार दिया गया है। यह जानकारी एनएसए के पूर्व कॉन्‍ट्रैक्‍टर और अब व्हिसलब्‍लोअर बन चुके एडवर्ड स्‍नोडेन द्वारा दी गई है। अमेरिका में दूसरे देशों की छह राजनीतिक पार्टियों की लिस्‍ट बनाई गई है। इन पार्टियों पर नजर रखने के लिए एनएसए को आधिकारिक अनुमति दी गई है। बीजेपी भी इनमें से एक है।
 
'वाशिंगटन पोस्‍ट' के जरिए स्‍नोडेन ने जो जानकारी सोमवार को सार्वजनिक की है उसके मुताबिक, अमेरिका के विवादास्‍पद फॉरेन इं‍टेलिजेंस सर्विलांस एक्‍ट (एफआईएसएस) के तहत 2010 में एनएसए को जासूसी का अधिकार दिया गया है। बताया गया है कि, एनएसए को जो लिस्‍ट सौंपी गई है, उसमें ना केवल छह राजनीतिक पार्टियों बल्कि, भारत सहित 193 देशों की सरकारों का भी नाम है। हालांकि, 'वाशिंगटन पोस्‍ट' की रिपोर्ट के मुताबिक, केवल चार देशों को जासूसी से छूट मिली हुई है। जिनमें यूके, कनाडा, आस्‍ट्रेलिया और न्‍यूजीलैंड शामिल हैं। अमेरिका और इन चार देशों के गुट को 'फाइव आइज' के नाम से जाना जाता है। इन चार देशों के साथ अमेरिका ने जासूसी नहीं करने का समझौता कर रखा है।
 
इतना ही नहीं, दस्‍तावेजों से यह खुलासा हुआ है कि, अमेरिकी कोर्ट ने एनएसए को वर्ल्‍ड बैंक, यूएन, ओपीईसी और यूरोपियन यूनियन के इंटरनेट और फोन लाइन टैप करने की मंजूरी दी है। बीजेपी के अलावा, जिन पांच पार्टियों की जासूसी के लिए मंजूरी दी गई है उनमें लेबनान की अमल जिसे आतंकी संगठन हिजबुल्‍ला का करीबी माना जाता है, वेनेजुएला की बोलीवेरियन कॉन्‍टीनेंटल कॉर्डिनेटर, मिस्र की मुस्लिम ब्रदरहुड, मिस्र की ही नेशनल साल्‍वेशन फ्रंट और पाकिस्‍तान की पीपुल्‍स पार्टी शामिल हैं|

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