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ये कैसा शिव‘राज’..! भीख मांग रहे हैं बुजुर्ग, नहीं मिल रही है पेंशन
05 Mar 2014

 

अनूपपुर/भोपाल: एक तरफ भारतीय जनता पार्टी देश के सभी नागरिकों के मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा का ख्याल रखने की बात करती है। यहां तक भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी अपने भाषणों में बुजर्गों, महिलाओं की सुरक्षा की बात बार-बार करते हैं। लेकिन, उनकी धज्जिय उधेड़ने में उनके अपने ही जुटे हुए हैं। धज्जियाँ कोई मामूली कार्यकर्ता अथवा नेता नहीं बल्कि, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज उधेड़ रहे है।
 
प्राप्त जानकारी के अनुसार अब मध्यप्रदेश राज्य में बुजर्गों को पेंशन तक नहीं मिल रही है। आलम यह है कि, कुछ बुजुर्ग कर्जदार हो चुके हैं और अब भीख मांगने को मजबूर हो गए हैं। अब ऐसे में यह सवाल उठाना लाजमी है कि, यह कैसा शिव‘राज’ आ गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले में समाजिक सुरक्षा और वृद्धावस्था पेंशन योजना का बुरा हाल है। जिले के दुलहरा गांव में पिछले 7 माह से सैकड़ों बुजर्गों को पेंशन नहीं मिली है। पेंशन नहीं मिलने से कई बुजुर्ग कर्जदार हो गए हैं और कुछ तो भीख मांगकर जीवन यापन करने को मजबूर हो गए हैं।
 
आपको बता दें कि, समाजिक सुरक्षा और वृद्धावस्था पेंशन हजारो जरूतरमंद गरीब बुजुर्गों के जीवन का एक बड़ा सहारा है। अलग-अलग उम्र के लोगो को योजना के मुताबिक प्रतिमाह 275 रूपये से लेकर 500 रूपये तक की पेंशन दी जाती है। इस राशि से तंगहाली में बुजुर्ग अपना जीवन यापन करते हैं। ऐसे में यदि पेंशन न मिले तो बुजुर्गो के कष्ट का अंदाजा लगाया जा सकता है। दुलहरा गावं में पिछले 7 माह से 300 से अधिक बुजुर्गो को पेंशन का भुगतान नहीं किया गया है। गांव के सरपंच और सचिव बुजर्गों को बहकाते हैं तो बैंक राशि न आने की बात कह कर भटकाते रहते हैं।
 
बुजुर्ग कई बार जिले के कलेक्टर को भी अपनी समस्या बता चुके हैं  लेकिंन, अभी तक बुजर्गों की समस्याओं का निवारण नहीं किया जा सका है। जिले के आला अधिकारियों को इन बुजुर्गो का दर्द नजर नहीं आता है। जब मामले की बावत जिला पंचायत सीईओ से संपर्क किया गया तो उन्होंने सिर्फ दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की बात कही। साथ ही उन्होंने यह भी माना कि, 7 माह की देरी एक बड़ी लापरवाही है। अब सरकार की योजना में खोट है या उन अधिकारियों के क्रिया-कलापों में। ये बंद कमरो में बैठकर काम करने के आदी हो चुके है। तभी तो गरीब असहायों को अपना हक पाने के लिये भटकना पड़ रहा है।

05 Mar 2014

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