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दंगा पीड़ितों पर यूपी के खेल मंत्री नारद राय का विवादित बयान

 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य के खेल मंत्री नारद राय के मुजफ्फर नगर पर दिये बयान से विवाद खड़ा हो गया है। खेल मंत्री ने मुजफ्फरनगर में मरने वालों पर असंवेदनहीनता की हद पार करते हुए बयान दिय कि महलों में भी तो लोग मरते हैं। पत्रकारों ने खेल मंत्री से मुजफ्फरनगर में बच्चों की मौत पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी।

 

नारद राय ने कहा कि अब बच्चों का मरना, बूढ़ों का मरना, जवान का मरना तो शाश्वत है। कोई जरूरी नहीं है कि जो कैंप में रहा है वही मरा है। महलों में रहने वाले लोग भी मरते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमारे और आपके घर के बच्चे नहीं मरते और सड़क पर और फुटपाथ पर सोने वाले बच जाते हैं।

 

खेल मंत्री इतने से ही ना रुके उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में यूपी सरकार के इंतजाम बेहतर हैं। इस मामले पर कांग्रेस और दुसरे दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कमाल फारुखी ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री ही जब मुजफ्फरनगर को लेकर असंवेदनहीन बयान देते हैं तो उनके मंत्रियों से और क्या अपेक्षा की जा सकती है। कांग्रेस नेता जगदंबिका पाल ने अखिलेश यादव को अपने मंत्रियों को बोलने से पहले सोचने की नसीहत दे डाली।

 

ज्ञात हो कि मुजफ्फरनगर दंगे के बाद बनाए गए राहत शिविरों में ठंड से कई बच्चों की मौत हुई है। बच्चों की मौत पर अखिलेश सरकार की काफी आलोचना हुई है। जबकि `सैफई महोत्सव` को लेकर हो रही आलोचना पर मुख्यमंत्री अखिलेश ने मीडिया पर नाराजगी जताई है। अखिलेश ने मीडिया पर आरोप लगाया है कि मीडिया उनकी सरकार की छवि खराब करने की कोशिश कर रहा है।

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