मोदी ने पाक पर किया प्रहार, वार्ता की भी पेशकश
28 Sep 2014

 

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे का राग अलापने के लिए पाकिस्तान पर प्रहार करते हुए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद के साये के बिना गंभीर द्विपक्षीय संवाद में संलग्न होने की पेशकश की और पड़ोसी देश से इसके लिए उपयुक्त माहौल तैयार करने को कहा। अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ को आड़े हाथ लेते हुए मोदी ने कहा कि इस मंच पर मुद्दे उठाना हमारे दोनों देशों के बीच के मुद्दों का हल निकालने में प्रगति का कोई तरीका नहीं है। शरीफ ने कल संरा में कश्मीर में जनमत संग्रह करवाने की पैरवी की थी। प्रधानमंत्री ने 193 सदस्यीय संरा महासभा में अपने पहले संबोधन में शरीफ का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया, लेकिन यह अवश्य कहा कि पाकिस्तान को मित्रता एवं सहयोग को प्रोत्साहन देने के मकसद से द्विपक्षीय संवाद के लिए एक उपयुक्त माहौल तैयार करने की अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेना चाहिए। शरीफ ने कल संरा में कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत पर हमला बोला था। भारतीय नेता ने इस बात को भी रेखांकित किया कि उनकी सरकार ने पाकिस्तान सहित अपने पड़ोसियों के साथ मित्रता एवं सहयोग को बढ़ाने को उच्च प्राथमिकता दी है। हिन्दी में किये गये अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि मैं पाकिस्तान के साथ शांतिपूर्ण माहौल में आतंकवाद के साये के बिना गंभीर द्विपक्षीय संवाद में संलग्न होने के लिए तैयार हूं ताकि हमारी मित्रता एवं सहयोग को प्रोत्साहन मिल सके। मोदी ने विश्व के विभिन्न हिस्सों में आतंकवाद बढ़ने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह समस्या नये रूप और नये नाम धर रही है। उन्होंने कहा कि कोई भी देश, भले ही वह बड़ा या छोटा हो, इस खतरे से मुक्त नहीं है। पाकिस्तान का नाम लिये बिना प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भी विभिन्न देश अपनी भूमि को आतंकवाद की पनाहगाह बनने दे रहे हैं या आतंकवाद को अपनी नीति का एक अंग बना रहे हैं। मोदी ने अपने 35 मिनट के भाषण में आतंकवाद, पश्चिम एशिया में इसका फिर से उदय, सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र में सुधार, वैश्विक विकास को अधिक समावेशी बनाने सहित विभिन्न मुद्दों को भी उठाया। मोदी ने वर्तमान समय के बारे में कहा कि यह तनाव और उथल़़-पुथल का दौर  है जैसा कि हाल के इतिहास में पहले कभी भी नहीं देखा गया। यद्यपि कोई बड़ा युद्ध नहीं हो रहा है लेकिन वास्तविक शांति का अभाव है और भविष्य के प्रति अनिश्चितता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में अतिवाद और गड़बड़ी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हमारे अपने क्षेत्र को आतंकवाद की अस्थिरता के खतरे का सामना करना पड़ रहा है। मोदी ने महासभा में कहा कि आतंकवाद नया स्वरूप और नया नाम ग्रहण कर रहा है और कोई भी देश, चाहे बड़ा हो या छोटा उसके खतरे से मुक्त नहीं है। उन्होंने सवाल किया कि क्या हम इन ताकतों से मुकाबले के लिए वास्तव में ठोस अंतरराष्ट्रीय प्रयास कर रहे हैं, या हम अभी भी अपनी राजनीति, अपने मतभेदों या दो देशों के बीच भेदभावों, अच्छे और बुरे आतंकवादियों के बीच अंतर में फंसे हुए हैं। प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान का नाम लिये बिना कहा कि आज भी देश अपने क्षेत्र में आतंकवाद के पनाहगाहों की इजाजत देते हैं या आतंकवाद को अपनी नीति के औजार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने इराक और सीरिया में जारी संघर्ष की ओर इशारा किया जहां अमेरिका नीत गठबंधन इस्लामी स्टेट आतंकवादियों पर हमले कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत पश्चिम एशिया में आतंकवाद के विस्तार से मुकाबले के लिए किये जाने वाले प्रयासों का स्वागत करता है जिससे कि पास और दूर के देश प्रभावित हो रहे हैं।
 
आतंकवाद के खिलाफ हो एकजुट प्रयास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट प्रयास की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विश्व को अच्छे आतंकवाद और खराब आतंकवाद के बीच भेद करना छोड़ना होगा। मोदी ने कहा कि विश्व का कोई भी देश आतंकवाद से अछूता नहीं है। उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में उग्रवाद और विभाजन की प्रवृत्ति बढ़ रही है। हमारे अपने दक्षिण एशिया में आतंकवाद की वजह से अस्थिरता का खतरा बना हुआ है। प्रधानमंत्री ने उन देशों की भी निंदा की, जो आंतकवाद को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हैं और आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराते हैं। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ एकीकृत पहल पर जोर दिया। मोदी ने जोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र लंबे से समय पर लंबित ‘कॉम्प्रीहेंशन कनवेंशन ऑन इंटरनेशनल टेरेरिज्म’को स्वीकार करे। उन्होंने कहा कि यह बदलाव का यह सुनहरा मौका है। मोदी ने अफ्रीका का जिक्र करते हुए कहा कि वह आतंकवाद और स्वास्थ्य संकट की दोहरी चुनौती का सामना कर रहा है। ऐसे में इन समस्याओं से निपटने के लिए अंतराष्ट्रीय पहल की जरूरत है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के रहते विभिन्न समूहों के गठन पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जी-7, जी-20 की बजाय ‘जी-ऑल’ होना चाहिए। इससे पहले उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून से मुलाकात की और कश्मीर पर पाक पीएम के बयान के मुद्दे का जिक्र किया। उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे को भी उठाया। 
 
यूएन में सुधार की मांग : मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की मांग को एक बार फिर पुर जोर तरीके से उठाया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र अगले साल अपनी 70वीं सालगिरह मनाने जा रहा है। इसलिए यह मौका है, जब इसकी प्रासंगिकता को बरकरार रखने के लिए बड़े बदलाव किए जाएं। उन्होंने कहा कि 20 सदी की परिस्थितयों के ढांचे पर संयुक्त राष्ट्र 21 वीं शताब्दी की चुनौतियों का सामना नहीं कर सकता है। इसलिए इसे अधिक लोकतांत्रिक बनाने की जरूरत है। 
 
अंतराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव : मोदी ने योग के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि योग की मदद से कई अंतरराष्ट्रीय समस्याओं का हल हो सकता है। मोदी ने कहा कि जीवनशैली में बदलाव कर और जागरूकता फैला कर जलवायु परिवर्तन से लड़ा जा सकता है। 
 
मोदी को परोसा जाएगा उपवास का भोजन : प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा सोमवार को भोज देंगे। इसमें उन्हें व्रत के अनुरूप भोजन परोसा जाएगा। विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता सैय्यद अकबरुद्दीन ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन को इसकी जानकारी दे दी गई है और उसी के अनुसार भोजन परोसा जाएगा।
 
मोदी-मोदी के नारों से गूंजा ग्राउंड जीरो : प्रधानमंत्री मोदी के शनिवार को 9/11 के शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचने से पहले ही उनके सैकड़ों समर्थक ग्राउंड जीरो पहुंच चुके थे। जैसे ही मोदी वहां पहुंचे समर्थकों ने  मोदी-मोदी के नारे लगाए। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के सामने भी मोदी की एक झलक पाने के लिए उनके समर्थकों का जमावड़ा लगा रहा। 
 
 
9/11 के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क के ग्राउंड जीरो स्थित स्मारक पर जाकर 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमलों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। सफेद कुर्ता-पायजामा पहने मोदी अमेरिकी समयानुसार शनिवार सुबह 9/11 स्मारक पहुंचे। स्मारक पहुंचकर उन्होंने पांचों पत्थर की बनी पट्टिकाओं पर पीले गुलाब की पंखुड़िया रखीं और हाथ जोड़े। इन पट्टिकाओं पर हमले में मारे गए लोगों के नाम लिखे गए हैं, जिनमें कई भारतीय भी शामिल हैं। इसके बाद मोदी 9/11 मेमोरियल म्यूजियम भी गए। 
 
मैडिसन स्क्वायर पर भाषण आज : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न्यूयॉर्क स्थित मैडिसन स्क्वायर गार्डन में रविवार भारतीय समयानुसार शाम 8:30 बजे भारतीय समुदाय व मेहमानों को संबोधित करेंगे। इसमें कम से कम 46 निर्वाचित अमेरिकी जनप्रतिनिधि भी शिरकत करेंगे। इनमें दक्षिण कैरोलिना की भारतीय मूल की गवर्नर निकी हेले भी शामिल हैं। वहीं, इस भाषण का सजीव प्रसारण न्यूयॉर्क के मशहूर टाइम्स स्क्वायर पर लगे एक बड़े स्क्रीन पर भी होगा। इसके अलावा 19 राज्य के 45 विश्वविद्यालयों और ओरेगन स्थित इंटेल कंपनी के परिसर भी भाषण सुनने की व्यवस्था की गई है। 

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