सुब्रत पर स्याही फेंकने वाले मनोज पर हैं 11 आपराधिक मामले
05 Mar 2014
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में पेशी के दौरान सहारा चीफ सुब्रत राय पर स्याही फेंकने वाले व्यक्ति मनोज शर्मा की बावत पहली नजर में यही अंदाजा लगाया जा रहा था कि, उसे जरूर कोई नुकसान हुआ होगा। उसने सहारा समूह में निवेश किया होगा और उसका इन्तजार करता रहा होगा और उसके हाथ मायूसी लगी इसलिए उसने ऐसा किया। लेकिन, यह बात गलत है। जानकारी मिली है कि, मनोज पर मौजूदा समय में 11 मामले दर्ज हैं। जिनमे इंस्पेक्टर से पिस्टल लूटने और एडीएम पर जानलेवा हमला करने जैसे मामले भी दर्ज हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुब्रत रॉय पर काली स्याही फेंकने वाले मनोज शर्मा एक पेशेवर अपराधी है। उस पर मौजूदा समय में 11 मुक़दमे दर्ज हैं। जिनमे इंस्पेक्टर से पिस्टल लूटने और एडीएम पर जानलेवा हमला किए जाने जैसे संगीन आरोप है। वैसे यह 11 मामले वह है जिसमे पुलिस के पास सबूत-गवाह हैं उन अपराधों का यहां पर जिक्र ही नहीं है जिनके बारे में अभी तक पुलिस को ही नहीं पता चल सका है।
ऐसा माना जा रहा है कि, अब मनोज की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत पर स्याही फेंकने के बाद मामले को स्वतः संज्ञान में लिया है। कोर्ट मनोज पर न्यायिक प्रक्रिया में बाधा डालने का मुकदमा चला सकता है। कोर्ट ने मनोज को अवमानना का एक नोटिस भी भेज दिया है जिसकी सुनवाई 24 अप्रेल को होगी।
कुछ लोगों की माने तो मनोज इस तरह के प्रदर्शन (कुर्ता फाड़, देह उघाड़ प्रदर्शन) में माहिर है। मनोज को जैसे ही मौक़ा मिलता है वह नामी व्यक्ति की इज्जत की धज्जियाँ उड़ाने वहां पहुँच जाते हैं जहां वह व्यक्ति रहता है। वैसे तो मनोज पेशे से एक अधिवक्ता हैं लेकिन प्रोफेशनल प्रदर्शनकारी का है। इसके चलते मनोज कई बार अन्दर-बाहर भी हो चुके हैं। पर अबभी मनोज इन हरकतों से बाज नहीं आना चाहते।
आपको बता दें कि, वर्ष 2011 में मनोज शर्मा ने सुरेश कलमाड़ी पर चप्पल फेंका था, जब कलमाड़ी पटियाला हाउस कॉम्प्लेक्स में पेश होने जा रहे थे। जिसके बाद ग्वालियर के अधिक्वाताओं ने इनका हौसला बढाया था। लेकिन, मनोज के हौसले कुछ ज्यादा ही बढ़ गए। इनके हौसले इस कदर बढ़ गए कि, इन्होने पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेई का मृत्यु प्रमाणपत्र भी बनवा दिया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्ष 2006 में मनोज शर्मा ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नकली मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाया था और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अपना नाम चमकाया था। इन पर हत्या का प्रयास जैसे गंभीर मामले भी हैं। मनोज का राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के गीता कालोनी में एक माकन भी है।
मनोज के बारे में एक जानकारी ग्वालियर से भी मिली है। मनोज शर्मा कभी ग्वालियर बार एसोशिएशन के ज्वाइंट सेक्रेटरी थे पर जब किसी वकील पर इनके द्वारा चाक़ू से हमले की वारदात सामने आई तो इनका लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। उनके गृह नगर ग्वालियर के विभिन्न थानों में मनोज शर्मा पर कुल 11 मामले दर्ज है।
मनोज शर्मा के खिलाफ दर्ज मामले:
1. मुकदमा अपराध संख्या - 87/99- धारा - आईपीसी -341,343, मारपीट, थाना जनकगंज
2. मुकदमा अपराध संख्या - 63/01- धारा -आईपीसी -325-, मारपीट, थाना कोतवाली
3. मुकदमा अपराध संख्या - 69/02- धारा आईपीसी -420, 467, 468, धोखाधड़ी, कोतवाली थाना
4. मुकदमा अपराध संख्या - 216/04- धारा आईपीसी 435, 327, मारपीट, कोतवाली थाना
5. मुकदमा अपराध संख्या - 35/06 धारा - 110, आपराधिक किस्म, थाना कोतवाली
6. मुकदमा अपराध संख्या - 225/06 धारा 427- तोडफोड़ और नुकसान पहुंचाना, थाना कोतवाली
7. मुकदमा अपराध संख्या- 158/06 , धारा, 393, 353, 332,सब इंस्पेक्टर से पिस्टल की लूट, झांसी रोड थाना
8. मुकदमा अपराध संख्या -96/07, धारा 323,325,504, मारपीट,कोतवाली थाना
9. मुकदमा अपराध संख्या- 120/07, धारा 307,353, 332, एडीएम की हत्या का प्रयास, थाना कोतवाली
10. मुकदमा अपराध संख्या-10/12 धारा 151, शांति भंग, कोतवाली थाना
11. मुकदमा अपराध संख्या- 370/12, धारा 353, 332, 427, 3/5 शासकीय कार्य में बाधा, मारपीट, थाना कोतवाली
12. मुकदमा अपराध संख्या- 18-09-2012 में रासुका की कार्रवाई की गई, कोतवाली पुलिस ने की थी
यानि, कुल मिलाकर 12 मामले जो सिर्फ उनके ऊपर उनके गृह नगर में ही दर्ज हैं। यदि दर्ज मामलों पर नजर डालें तो मनोज वर्ष 1999 यानि आज के करीब 15 वर्ष पहले ही अपनी शुरुआत कर चुके थे। अब यदि सुप्रीम कोर्ट चाहे तो इनके ऊपर आज का एक और मामला चला सकती है।
05 Mar 2014