पहला टेस्ट: जैसे-तैसे बची टीम इण्डिया की लाज
जोहानिसबर्ग: पहले टेस्ट के प्रथम चार दिन टीम इण्डिया के पक्ष में रहें। भारतीय क्रिकेट प्रेमी यह आशा जता रहे थे कि, टीम इण्डिया पहला टेस्ट जीत लेगी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। टीम इण्डिया की जीत में ए वी डिविलियर्स (103) रोड़ा बनकर खड़े हो गए। पहले चार दिन सबकुछ टीम इण्डिया के पक्ष में था। चाहे वह गेदबाजी हो अथवा बल्लेबाजी। लेकिन अंतिम दिन साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों ने टीम इण्डिया के गेंदबाजों की कलई खोलकर रख दी। यदि इशांत शर्मा को डिविलियर्स (103) का विकेट नहीं मिलता तो टीम इण्डिया की हार निश्चित थी। बहरहाल, काफी उतार-चढाव के बाद पहला टेस्ट मैच ड्रा हो गया। 458 रन के रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा करते हुए अफ्रीकी टीम ने कमाल का जीवट दिखाते हुए आखिरी दिन का खेल समाप्त होने तक सात विकेट पर 450 रन बनाए। मेजबान टीम लक्ष्य से आठ रन पीछे रह गई, जबकि दूसरी पारी समाप्त करने के बाद जीत सुनिश्चित समझ रही टीम इण्डिया विजयश्री से सिर्फ तीन विकेट पीछे रह गई।
भारतीय गेंदबाज पहले दो सत्र में काफी कोशिशों के बावजूद केवल दो विकेट ही निकाल पाए, जिससे दक्षिण अफ्रीका की स्थिति बेहद ही मजबूत हो गई और वह ऐतिहासिक जीत की तरफ अग्रसर दिखी। लेकिन आखिरी सत्र के आखिरी घंटे में चार विकेट गिर जाने की वजह से मैच ड्रॉ की तरफ मुड़ गया। कल के नाबाद बल्लेबाज फाफ डु प्लेसिस (134) और एबी डिविलियर्स (103) भारत की राह का सबसे बड़ा रोड़ा बनकर उभरे। दोनों ने 200 से अधिक रनों की साझेदारी करके पहले तो भारत को जीत से दूर किया और फिर अपनी टीम को जीत की राह पर डाला।
यदि मैच समाप्ति से तीन ओवर पहले रहाणे के डायरेक्ट हिट पर प्लेसिस रन आउट नहीं होते तो भारत की हार निश्चित ही थी। प्लेसिस के जाने के बाद क्रीज पर खड़े बल्लेबाज वर्नेन फिलैंडर (नाबाद 25) और डेल स्टेन (नाबाद 06) ने कोई जोखिम नहीं लिया। प्लेसिस क्रीज पर 395 मिनट तक खड़े रहे और 309 गेंदों का सामना कर 15 चौके लगाए। उनसे पहले डिविलियर्स आउट हुए। उन्होंने 168 गेंद पर 12 चौके लगाए। भारत की ओर से मुहम्मद शमी दूसरी पारी में सबसे सफल गेंदबाज रहे जिन्होंने 107 रन देकर तीन विकेट चटकाए। जहीर खान और इशांत शर्मा को एक-एक विकेट मिला। सीरीज का दूसरा और अंतिम मैच 26 दिसंबर से डरबन में खेला जाएगा।