यदि कोई वाहन चलते-चलते आप या किसी और को टक्कर देकर घटनास्थल से भाग जाए, तो पहला लक्ष्य सुरक्षा और सबूत है। घबराहट में उलझने से बात बिगड़ सकती है, इसलिए शांत रहकर ठंडे दिमाग से काम लें। नीचे दिए गए कदम सीधे आपके काम आएंगे।
1) घायलों को सुरक्षित जगह पर लाएँ और तुरंत मेडिकल मदद बुलाएँ। गंभीर चोटों में समय ही अहम होता है।
2) मौके पर मौजूद मोबाइल से घटनास्थल की तस्वीरें और वीडियो लें — वाहन का दिशा-प्रकार, टक्कर के निशान, ट्रैफिक संकेत, और आस-पास की दूरी। वीडियो में आवाज़ भी रिकॉर्ड कर लें ताकि समय और संदर्भ बने रहें।
3) जितने भी गवाह मौजूद हों, उनके नाम, मोबाइल नंबर और उनके बताए गए बिंदु नोट करवा लें। गवाह आगे केस में सबसे काम के होते हैं।
4) पास लगे CCTV, दुकानों या बस रुकने वाले बोर्डों की वीडियो रिकॉर्डिंग माँगें। आसपास के लोगों से पूछें कि किस दिशा में वाहन गया, नंबर-प्लेट का कोई हिस्सा दिखा तो उसे लिख लें।
5) घटनास्थल छोड़ने से पहले पुलिस को तुरंत फोन करें और मौके पर पहुँचने को कहें। अगर पुलिस देरी कर रही हो तो नज़दीकी थाने में जाकर FIR दर्ज कराएँ।
FIR दर्ज कराते समय घटना की सटीक जानकारी दें — समय, जगह, चोट की दशा, गवाहों के नाम और मौजूद साक्ष्य। पुलिस अक्सर IPC की धाराओं के आधार पर मामला बनाती है; अगर लड़ाई-झगड़ा या जानबूझ कर छोड़ना हुआ तो सख्त धाराएँ लागू हो सकती हैं।
यदि विजिबल नंबर-प्लेट नहीं मिला, तो CCTV और गवाहों की मदद से पुलिस अक्सर वाहन की पहचान कर पाती है। कुछ मामलों में वाहन का मालिक और चालक अलग हो सकते हैं — इसलिए केस की जाँच गहराई से होती है।
मोटर दुर्घटना में मुआवज़ा पाने के लिए आप motor accident claims tribunal या नज़दीकी कोर्ट में आवेदन कर सकते हैं। अस्पताल के बिल, मेडिकल रिपोर्ट, आधार पर खर्च और कमाई में हुई क्षति के दस्तावेज़ जरूरी होते हैं।
कानूनी सलाह के लिए किसी वकील से तुरंत संपर्क करें। अगर आर्थिक दिक्कत हो तो legal aid या NGO से मदद मिल सकती है। वकील से केस की रणनीति तय करें — पुलिस मुक़दमा, सिविल दावा या बीमा क्लेम।
अंत में, घटनास्थल पर किए गए छोटे-छोटे कदम—तुरंत फोटो, गवाहों का नंबर, और FIR की प्रतिलिपि—भविष्य में आपके केस की सफलता तय कर देते हैं। अगर आप हिट एंड रन के लिए ये बुनियादी कदम अपनाएंगे तो न केवल सबूत सुरक्षित रहेंगे बल्कि न्याय मिलने की संभावना भी बढ़ेगी।
अगर आप चाहें, हम आपको बताने में मदद कर सकते हैं कि नज़दीकी थाने में FIR कैसे लिखवानी है या किस तरह का मेडिकल डॉक्यूमेंट रखना ज़रूरी है। बस बताइए किस शहर में मामला हुआ।