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अलविदा..! मारुति 800 का उत्पादन बंद
08 Feb 2014

 

नई दिल्ली: देश की शीर्ष कार निर्माता कंपनी मारुती सुजुकी ने अपने माडल मारुती 800 का उत्पादन पूरी तरफ से बंद कर दिया है। यानि आने वाले कुछ दिनों में यह इतिहास बन जाएगी। कंपनी ने उत्पादन पिछले महीने से ही बंद कर रखा है। मिडिल क्लास हिंदुस्तानी की पहली चाहत मारुति-800 अब नहीं बिकेगी।

 

मारुती 800 ने पिछले करीब 30 वर्षो से लोगों के दिलों में स्थान बनाने में कामयाब रही। इसे प्रदूषण के नए नियमों का हवाला देकर मारुति सुजुकी ने देश की पहली पीपुल्स कार का प्रोडक्शन बंद कर दिया  है। कंपनी के मुताबिक बीते 18 जनवरी से मारुति 800 नहीं बन रही है लेकिन जो कारें सड़कों पर दौड़ रही हैं उनके सेहत बरकरार रहे, इसका पूरा इंतजाम कंपनी ने किया है। यानि, मारुति 800 के कल-पुर्जे अगले 10 साल तक बाजार में मिलते रहेंगे।

 

आपको बता दें कि, इस कार के बारे में सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी ने सोचा था। जिसके बाद वर्ष 1981 में मारुति उद्योग नाम की कंपनी की स्थापना की गई और 14 दिसंबर 1983 को पहली मारुति 800 सड़क पर दौड़ने लगी। संजय गांधी का सपना देश के आम लोगों को पीपल्स कार देने का था। इस कार को लॉन्च करते वक्त इंदिरा गांधी ने कहा था कि मेरी इच्छा देश के आम लोगों तक अच्छी कार पहुंचाने की है। ऐसी कार जो न सिर्फ राष्ट्र निर्माण का हिस्सा हो बल्कि जिसमें कोई खराबी भी न हो।

 

कुछ लोगों की मानें तो जब मारुती 800 की लांचिग की जा रही थी तो वहां पर इंदिरा गांधी भी मौजूद थी। लोगों को संबोधित करते समय उनकी आँखों में आंसू भी आ गए थे। जिसके बाद वर्ष 2004 तक बिक्री के लिहाज से कोई कार मारुती 800 का मुकाबला नहीं कर पाई थी। आम और खास सबकी पहली कार मारुति 800 ही थी।

 

आज भी देश के मनमोहन सिंह और क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के पास मारुति 800 है। कार की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, शुरुआती 10 साल तक इस कार के लिए महीनों की वेटिंग थी। वर्ष  2003 में कंपनी हर महीने करीब 20,000 से ज्यादा मारुति 800 बाजार में बेच रही थी। लेकिन मांग थी जो कम ही नहीं हो रही थी।

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