नौ साल बाद अंजू बॉबी जॉर्ज को मिला 'गोल्ड मैडल'
नई दिल्ली: आज भारतीय एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज के साथ न्याय हुआ। आज उन्हें करीब नौ सालों बाद इंसाफ मिला है। इसके साथ ही आज उन्हें गोल्ड मैडल से सम्मानित किया गया। इसी के साथ एक बार उन्हें एक ऐसा अनोखा सरप्राइज मिला है कि उनका दामन खुशियों से भर गया है। अंजू आज इंटरनेशनल चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बन गई हैं।
दरअसल वर्ष 2005 में अंजू मोनाको विश्व चैंपियनशिप में शामिल हुई थीं। लांग जेप इवेंट में अंजू ने 6.75 मीटर की छलांग लगाई थी। यह छलांग तब तक की सबसे लम्बी छलांग थी लेकिन रूस की तात्याना कोतोवा ने अंजू से एक दो इंच ज्यादा लम्बी छलांग लगा दी थी और उन्हें गोल्ड मैडल मिला था। अंजू को सिल्वर मैडल से ही संतोष करना पड़ा था। लेकिन, रूस की महिला एथलीटों पर डोपिंग का संदेह किया गया और अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ ने उनकी जांच शुरू कर दी।
जिसमे आज करीब 9 वर्षों बाद अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ का फैसला आया। फैसले के मुताबिक, रूसी एथलीट तात्याना को डोपिंग का दोषी पाया और मोनाको चैंपियनशिप में दिया गया गोल्ड मैडल उससे वापस ले लिया। जिसके बाद अब गोल्ड मैडल की हकदार अंजू बन गई हैं। और अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ ने अंजू को मोनाको चैंपियनशिप का विजेता घोषित करते हुए उनके सिल्वर मैडल को गोल्ड से बदल दिया है।
इस बात की जानकारी देते हुए अंजू ने कहा कि, ‘मुझे एएफआई (भारतीय ऐथलेटिक्स महासंघ) ने बताया कि मोनाको विश्व एथलेटिक्स फाइनल्स के लिए मुझे स्वर्ण पदक मिलेगा। रूस की लंबी कूद की चोटी की महिला एथलीटों को लेकर मुझे हमेशा संदेह रहा और मैं जानती थी कि वे डोप में फंस सकती हैं।’