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रिलायंस का SC से सवाल- ‘ONGC की जांच क्यों नहीं’
23 Apr 2014

 

नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि, कुछ स्वार्थी किस्म के तत्व कंपनी को निशाना बना रहे हैं। जबकि उसने सबसे कम समय में सबसे ज्यादा गैस की खोज और प्रॉडक्शन किया है। मुकेश अंबानी स्वामित्व वाली कंपनी ने साथ ही यह भी कहा है कि, सरकारी फर्म ओएनजीसी की कोई जांच नहीं हो रही है, जबकि उसे भी केजी डी6 बेसिन में ही गैस मिली है। ऐसा क्यों हो रहा है? रिलायंस की मानें तो ओएनजीसी की कॉस्ट में भी कई गुना बढ़ोतरी हुई है और उसने पिछले 18 साल में मामूली प्रॉडक्शन किया है।
 
आपको बता दें कि, रिलायंस इंडस्ट्रीज पर ऑयल-गैस ब्लॉक के डिवेलपमेंट में ज्यादा खर्च करने और कम गैस प्रॉडक्शन का आरोप है। कंपनी को हाल में नेताओं की ओर से आलोचना का सामना करना पड़ा है और कैबिनेट की मंजूरी के बावजूद वह अपनी गैस के लिए अब तक ज्यादा कीमत हासिल नहीं कर पाई है। कंपनी के अधिवक्ता हरीश साल्वे ने बचाव के लिए केजी डी6 में रिलायंस के पास के ब्लॉक में ओएनजीसी के खराब परफॉर्मेंस की दलील दी। साल्वे ने कहा, 'केजी डी6 के पास ओएनजीसी के जी1 और जीएस15 प्रोजेक्ट हैं। इनकी प्रोजेक्ट कॉस्ट में कई बार बदलाव किए गए। डेडलाइन भी कई बार बदली गई। इसकी भी जांच होनी चाहिए।'
 
मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की बेंच सीपीआई नेता गुरुदास दासगुप्ता और एनजीओ कॉमन कॉज की याचिकाओं की सुनवाई कर रही है। इसमें रिलायंस के साथ सरकार के प्रॉडक्शन शेयरिंग कॉन्ट्रैक्ट को कैंसल करने की मांग की गई है। कंपनी पर रिजर्व को ज्यादा बताने और कम प्रॉडक्शन की वजह से याचिकाओं में अग्रीमेंट को रद्द करने की अपील की गई है।

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