एक महीने पहले अपहृत बच्ची को नहीं बरामद कर सकी है दिल्ली पुलिस
23 Apr 2014
नई दिल्ली:राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की पुलिस लाख दावे कर ले कि, उसके राज्य में कानून व्यवस्था ठीक है तो यह कहना पूर्ण रूप से गलत होगा। दिल्ली पुलिस के लाख दावे के बावजूद राज्य में सुधार नही दिख रहा है। आलम यह है कि, नाबालिग बच्ची के अपहरण जैसे मामले में भी पुलिस गंभीर नही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, वेलकम इलाके से एक महीने पहले अपहृत नाबालिग बच्ची का अब तक पुलिस सुराग नहीं लगा पाई है। बावजूद की अपहृत लड़की के अपहरणकर्ता के चंगुल से कई बार अपने परिजन को बचाने की फोन करके गुहार लगा चुकी। जिसकी सूचना लड़की के परिजन ने पुलिस को दी इसके बाद भी पुलिस लडकी को अबतक बरामद नहीं कर सकी है और मूकदर्शक बनी हुई है।
महेंद्र नाथ पांडेय अपनी एकलौती बेटी की बरामदी के लिए पुलिस से गुहार लगा रहे हैं। पत्नी की मौत के बाद महेंद्र के जीवन का एक ही सहारा थी उसकी आठवी में पढने वाली 14 वर्षीय बेटी। जो अब उसके पास नही है। महेंद्र द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 20 मार्च से उसका कोई पता नही है। 20 मार्च की शाम से वह अचानक घर के पास से गाएब हो गई। बेटी के घर में न होने पर महेंद्र ने उसे सभी जगह तलाशा पर जब वह नही मिली तो इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मामले में प्राथमिकी तो दर्ज कर ली लेकिन अब तक उसे ढूढने की कोई कोशिस नहीं की।
इस बीच महेंद्र के पास एक फोन आता है जिसकी आवाज सुनकर वह दंग रह जाता है। वह आवाज़ किसी और की नहीं बल्कि, उनकी बेटी की रहती है और वह अपने आपको बचाने की गुहार लगाती है। लड़की ने बताया है कि, उसे किसी अनजान जगह पर छिपा कर रखा गया है। लड़की के कॉल पर खुद को बचाने की गुहार की सूचना भी महेंद्र ने पुलिस को दी और वह नम्बर भी पुलिस को दिया जिससे उसके पास फोन आया था।
इस महत्वपूर्ण सुराग के बावजूद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नही की। गायब बच्ची के परिजनों का आरोप है कि, पुलिस सिर्फ पैसे वालों का साथ देती है। वह लोग गरीब हैं इसलिए पुलिस नही सुनती। इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि, लड़की का पता लगाया जा रहा है। शुरुआती जांच में पता चला है कि, उसे बिहार ले जाया गया है और उसे जल्द ही ढूंढ लिया जायेगा।