मेरी बयान का गलत मतलब निकाला गया: शाजिया इल्मी
23 Apr 2014
नई दिल्ली: पहले तो उल्टी हरकतें की जाती है और उल्टी चीजें बोली जाती हैं फिर आसानी से यह कह दिया जाता है कि, मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। या फिर मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया।
कुछ ऐसा ही किया है ‘आप’ की गाजियाबाद संसदीय सीट से प्रत्याशी व पार्टी की शीर्ष नेता में से एक शाजिया इल्मी ने। दरअसल, शाजिया मुसलमानों को सांप्रदायिक बनने की अपील के बाद विवादों में घिर चुकी हैं। चारो तरफ से हंगामा होने के बाद उन्होंने मामले पर सफाई देते हुए कहा है कि, उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया है।
दूसरी तरफ शाजिया इल्मी के वीडियों की मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी आलोचना की है। मुस्लिम धर्मगुरुओं ने शाजिया के बयान को पूरी तरह से गलत करार दिया है। उनका कहना है कि भारत का मुसलमान कभी भी सांप्रदायिक नहीं हो सकता है, न ही यह सोचकर किसी को वोट कर सकता है। साथ ही शाजिया के वीडियों को उनकी पार्टी के नेता मनीष शिसोदियों ने भी दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।
गौरतलब है कि, शाजिया को एक वीडियो में मुस्लिम समाज के लोगों को सांप्रदायिक बनकर वोट करने की अपील कहते दिखाया गया है। इसमें वह कह रही हैं कि केजरीवाल उनके अपने हैं और उनकी पार्टी को ही मुस्लिमों को वोट करना चाहिए।
शाजिया के इस वीडियों के लीक होने के बाद भाजपा और कांग्रेस ने ‘आप’ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस के मीम अफजल ने शाजिया के बयान को भड़काऊ बताया है। वहीं खुद आप के नेता मनीष सिसौदिया ने भी शाजिया के बयान की आलोचना की है। उनका कहना है कि वह इस तरह के बयान में विश्वास नहीं करते हैं, न ही उनकी पार्टी इस तरह की राजनीति करती है। उन्होंने कहा कि वह विकास और भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए ही राजनीति में आए हैं, लिहाजा शाजिया को ऐसा नहीं करना चाहिए था।